बुधवार, 23 मई 2012

:- मुंशी का अवतार

२६ मई १९३२ को बापू को उर्दू कापी लिखते देखकर सरदार कहने लगे, "इसमें जी रह जायेगा तो उर्दू मुंशी का अवतार लेना पड़ेगा |"


           बापू प्रातः ९ बजे और शाम को ६ बजे प्रतिदिन सोडा और नीम्बू पिया करते थे | नीम्बू गर्मियों में महंगे हो जाते थे | इसीलिये १४ जून १९३२ को बापू ने बल्लभभाई को इमली का सुझाव दिया | क्योंकि इमली के वृक्ष जेल में भी बहुत थे | बल्लभभाई ने हंस कर उत्तर दिया----


          "इमली के पानी से हड्डियां गलब जाती है, वादी हो जाती है |" बापू ने पूछा, "तो जमनालालजी क्यों पीते हैं ?"
          
           वल्लभभाई, "जमनालालजी की हड्डियों तक पहुँचने का इमली के लिए रास्ता ही नहीं |"